MP GK in Hindi
- भारत के मध्य में स्थित मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh ) भारतीय सभ्यता संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं।
- मध्यप्रदेश को भारत (India) का हृदय प्रदेश कहा जाता हैं, क्योकि यह भारत के बीच में हृदय के समान स्थित हैं।
- मध्यप्रदेश में सोयाबीन की अधिक मात्रा में उत्पादन के कारण इसे सोया प्रदेश भी कहा जाता हैं।
- मध्यप्रदेश की स्थापना 1 नवम्बर 1956 को हुई थी एवं मध्यप्रदेश का वर्तमान स्वरूप 1 नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद आया है।
- छत्तीसगढ़ के विभाजन के पूर्व मध्यप्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य था लेकिन विभाजन के बाद राजस्थान सबसे बड़ा राज्य हो गया।
- मध्यप्रदेश का क्षेत्रफल लगभग 3,08,252 वर्ग किमी है जो कि भारत के कुल क्षेत्रफल का 9.38 प्रतिशत है।
- मध्यप्रदेश की उत्तर से दक्षिण की लंबाई 605 किमी और पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 870 किमी है।
- राज्य की भौगोलिक स्थिति 21°6 उत्तरी अक्षांश से 26°30 उत्तरी अक्षांश तक एवं 74°9 पूर्वी देशांतर से 82°47 पूर्वी देशांतर तक है।
- मध्यप्रदेश राज्य की सीमा पाँच राज्यों की सीमाओं को स्पर्श करती है जिसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र एवं गुजरात हैं।
- मध्यप्रदेश की जनसंख्या वर्ष 2011 के अनुसार 62597565 है जो कि भारत का 6 वाँ बड़ा जनसंख्या वाला राज्य है। राज्य का जनसंख्या घनत्व 236 किमी है।
- मध्यप्रदेश का लिंगानुपात 930 है।
- मध्यप्रदेश की साक्षरता दर 69.3% है जिसमें सर्वाधिक जबलपुर82.47% की एवं इन्दौर 82.33% है।
- अलीरजपुर मध्यप्रदेश का सबसे कम साक्षर जिला है 36.26% ।
- मध्यप्रदेश में पुरुषों की साक्षरता दर 78.7 % एवं महिला की साक्षरता दर 59.2 % हैं।
- पुरुषों की साक्षरता इंदौर 89.22% में तथा महिलाओं की साक्षरता भोपाल 76.57% में सबसे अधिक है।
- जबलपुर दोनों महिला पुरुष की साक्षरता में दूसरे स्थान पर है।
- मध्यप्रदेश में बहुत सी नदी प्रवाहित होती है जो इस राज्य को अपने जल से जीवन प्रदान करती है।
- नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी नदी है इसे मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है।
- नर्मदा नदी अमरकंटक से निकलती हुई पश्चिम दिशा में बहती है और खंवात की खाड़ी में गिरती है।
- मध्यप्रदेश की अन्य महत्वपूर्ण नदियों में चम्बल, सोन, ताप्ती, बेतवा, क्षिप्रा, तवा, वेनगंगा, काली सिंध इत्यादि।
- मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान में कान्हा किसली, बाधवगढ़, पेंच सतपुडा, रीवा एवं जीवाश्म आदि प्रमुख हैं।
- अभयारण्यों में चम्बल, केन करेरा, धाटीगाव, पलनपुर कूनो इत्यादि अभयारण्य है।
- सिवनी छिंदवाडा के प्रेंच राष्ट्रीय उद्यान में मोगली लैण्ड है।
- राज्य की उत्तरी सीमा पर उत्तरप्रदेश है,राज्य की दक्षिणी सीमा पर महाराष्ट्र है, राज्य की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान और गुजरात राज्य हैं,राज्य की पूर्व दिशा में छत्तीसगढ़ है।
- कर्क रेखा मध्यप्रदेश के 14 जिलों से होकर गुजरती है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग जबलपुर है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग नर्मदापुरम है।
- मध्यप्रदेश में कुल 52 जिले हैं।
- मध्यप्रदेश में 10 संभाग हैं।
- मध्यप्रदेश में कुल 367 तहसीले हैं।
- मध्यप्रदेश में 313 विकासखण्ड हैं।
- मध्यप्रदेश में कुल 89 आदिवासी विकासखण्ड हैं।
- मध्यप्रदेश में नगरों की संख्या 376 है।
- मध्यप्रदेश में नगर निगमों की संख्या 16 है।
- मध्यप्रदेश में नगरपालिकाओं की संख्या 98 है।
- मध्यप्रदेश में जनपद पंचायत 313 है।
- मध्यप्रदेश में 52 जिला पंचायत हैं।
- मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा क्षेत्र हैं। (4 एससी, 6 एसटी के लिए आरक्षित)
- मध्यप्रदेश में जबलपुर में उच्च न्यायालय है।
- मध्यप्रदेश में न्यूनतम सतही जल भिण्ड जिले में पाया जाता है।
- मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी नदी नर्मदा है।
- मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी बेसिन में सर्वाधिक जल पाया जाता है।
- मध्यप्रदेश में सर्वाधिक भूमिगत जल होशंगाबाद में उपलब्ध है।
- न्यूनतम भूमिगत जल की उपलब्धता बुरहानपुर में है।
- सर्वाधिक अर्जित सिचाई क्षमता होशंगाबाद जिले में है।
- न्यूनतम अर्जित सिंचाई क्षमता बुरहानपुर में है।
- सर्वाधिक शुद्ध सिंचित क्षेत्र वाला जिला ग्वालियर है।
- न्यूनतम शुद्ध सिंचित क्षेत्र वाला जिला डिंडोरी है।
- भूमिगत जल के विकास का न्यूनतम स्तर मंडला में है।
- मध्यप्रदेश राज्य में सर्वाधिक सिंचाई कुएं एव नलकूप से होती है।
- मध्यप्रदेश का प्रथम पूर्ण साक्षर जिला नरसिंहपुर है।
- प्रदेश में शुद्ध बोया गया क्षेत्रफल 147.90 लाख हेक्टेयर है।
- कृषि जोतो की संख्या 72.62 लाख है।
- कृषि जोतों का क्षेत्रफल 163.72 लाख हेक्टेयर है।
- कृषि जोतों का औसत आकार 2.2 हेक्टेयर है।
- प्रति व्यक्ति बोया गया क्षेत्रफल 0.29 हेक्टेयर है।
- प्रदेश मेें रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग 47.13 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होता है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मुख्य फसल प्रथम सोयाबीन एवं दुसरे नंबर पर गेहूं है।
- सर्वाधिक शुद्ध कृषि भूमि उज्जैन में 80.2 प्रतिशत है।
- न्यूनतम शुद्ध कृषित भूमि मण्डला में 22.7 प्रतिशत है।
- सर्वाधिक कृषि जोत हरदा जिले में है।
- न्यूनतम कृषि जोत कटनी एवं नीमच जिले में है।
- कृषि गहनता मध्यप्रदेश में 139 प्रतिशत है।
- शुद्ध सिंचित क्षेत्र का शुद्ध बोए गए क्षेत्र का 43.4 प्रतिशत है।
- यातायात प्रशिक्षण संस्थान भोपाल में है।
- सीहोर के बुधनी में रेलवे स्लीपर बनाए जाते हैं।
- मध्यप्रदेश में उष्णकटिबंधीय मानसूनी वन पाये जाते हैं।
- मध्यप्रदेश में कुल 94689 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है।
- राज्य की कुल भूमि का 30.7 प्रतिशत हिस्सा वन क्षेत्र है।
- देश के कुल वन क्षेत्र में राज्य का हिस्सा 12.4 प्रतिशत है।
- राज्य मेें प्रति व्यक्ति वन क्षेत्रफल 0.16 हेक्टेयर है।
- सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले 3 जिले बालाघाट, छिंदवाड़ा सीधी हैं।
- न्यूनतम वन क्षेत्रफल वाले 3 जिले शाजापुर, उज्जैन, रतलाम हैं।
- राज्य के वनों में सर्वाधिक पाया जाने वाला वृक्ष सागौन है।
- मध्यप्रदेश के प्रथम राज्यपाल डॉ पट्टाभि सीतारमैया।
- प्रदेश की प्रथम महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल।
- प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती।
- प्रथम विधानसभा अध्यक्ष पं. कुजीलाल दुबे।
- प्रथम विपक्ष नेता विष्णुनाथ तामस्कर।
- मध्यप्रदेश के प्रथम निर्वाचन आयुक्त एनबी लोहानी।
- प्रथम लोकायुक्त पी वी दीक्षित।
- प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश श्रीमती सरोजनी सक्सेना।
- प्रथम राज्य सूचना आयुक्त टी एन श्रीवास्तव।
- मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र सोहागपुर।
- राज्य का एकमात्र अफीम उत्पादक जिला मंदसौर हैं
- मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी है।
- प्रथम विश्विद्यालय डॉ. हरिसिंह गौड़ वि.वि. सागर है।
- प्रथम राष्ट्रीय उद्यान कान्हा किसली है।
- प्रथम रेलवे जंक्शन इटारसी है।
- प्रथम मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्ला।
- भोपाल में इसरो का उपग्रह नियंत्रण केन्द्र है।
- बैंक नोट प्रेस देवास में है।
- न्यूज प्रिंट मिल नेपानगर बुराहनपुर में है।
- सिक्योरिटी पेपर मिल होशंगाबाद मे है।
- सिक्योरिटी प्रिटिंग प्रेस होशंगाबद में है।
- युवा नेतृत्व ग्रामीण विकास संस्थान पंचमढी होशंगाबाद में है।
- उष्ण कटिबंधीय वन संस्थान जबलपुर में है।
- मध्य प्रदेश की राज्य भाषा - हिन्दी
- मध्य प्रदेश का राजकीय पक्षी - दूधराज या शाह बुलबुल पैराडइज फ्रलाईकेचर
- मध्य प्रदेश का राजकीय पशु - बारहसिंगा ब्रेडरी जाति
- मध्य प्रदेश का राजकीय पुष्प - लिलि
- मध्य प्रदेश का राजकीय खेल - मलखम्ब
- मध्य प्रदेश का राज्य नाट्य - माच
- मध्य प्रदेश का राज्य नृत्य - राई
- मध्य प्रदेश की राज्य पफसल - सोयाबीन
- मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्ष - बरगद
- म.प्र. की प्रथम जनगणना 1881 में हुई मानी जाती है।
- म.प्र. प्रदेश की 15वीं जनगणना 2011 में हुई।
- जनगणना कार्य प्रत्येक 10 वर्ष पश्चात् किया जाता है।
- वर्ष 2001 की जनगणना 21वीं सदी की प्रदेश की पहली जनगणना है।
- जनगणना संबंधी कार्य भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
- जनगणना कार्य जनसंख्या अधिनियम 1948 के अनुसार किया जाता है।
- 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
- साक्षरता दर में 7 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को शामिल किया जाता है।
- 11 मई को म.प्र. मे जनसंख्या नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- 14 जून, 2008 में शहडोल संभाग का गठन किया गया।
- तेन्दूपता का राष्ट्रीयकरण 1964 में किया गया।
- बाँस का का राष्ट्रीयकरण 1973 में किया गया।
- साल बीज का राष्ट्रीयकरण सन् 1975 में किया गया।
- राज्य के ग्वालियर वन वृत्त से न्यूनतम राजस्व प्राप्त होता है।
- राज्य के वन क्षेत्र के प्रति वर्ग किमी. से मिलने वाला
- राजस्व सर्वाधिक होशंगाबाद वन वृत्त से मिलता है।
- इमारती लकड़ी सर्वाध्कि जबलपुर वन वृत्त से प्राप्त होती है।
- खण्डवा वन वृत्त में लकड़ी की कटाई पर प्रतिबंध्।
- देश में तेन्दूपत्ते का सर्वाध्कि संग्रहण मध्य प्रदेश में होता है।
- राज्य के वनों में सर्वाध्कि पाया जाने वाला वन वृक्ष सागौन है।
- गिरवन के सिंहो के लिए पालकुनों, श्योपुर में अभ्यारण स्थापित।
- नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल ।
- ग्रामीण विकास संस्थान जबलपुर ।
- महिला एवं बाल विकास प्रशिक्षण संस्थान बैतूल ।
- रेंजर प्रशिक्षण केन्द्र ;वनराजिक महाविद्यालयद्ध बालाघाट ।
- ग्रामीण पंचायत प्रशिक्षण संस्थान अमरकंटक ।
- राज्य पुलिस हेडक्वार्टर भोपाल ।
- जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर ।
- मध्य प्रदेश पुलिस कॉलेज सागर ।
- सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र इन्दौर ।
- पुलिस मोटर वर्कशॉप केन्द्र रीवा ।
- पुलिस वायरलेस प्रशिक्षण केन्द्र इन्दौर ।
- स्वान प्रशिक्षण केंद्र भदभदा ;भोपालद्ध
- प्लाटुन कमाडर प्रशि. संस्थान जबलपुर ;छठी वाहिनीद्ध
- फोरेन्सिक साइंस लैबोरेटरी सागर ।
- धार किले का पुनर्निर्माण 1344 में मुहम्मद बिन तुगलक ने दक्षिण विजय के दौरान देवगिरी जाते समय करवाया था। इस किले के अन्दर देवी कालका मन्दिर का निर्माण परमार नरेश मुंज ने करवाया था। इस किले में पेशवा बाजीराव का जन्म हुआ था। 1732 में मराठाओं ने अपने अध्किार में ले लिया। इसी किले में खरबूजा/खरवणा महल स्थित है।
- राजगढ़ में अवस्थित ‘नरंसिह के किले’ को ‘कश्मीर-ए-मालवा’ कहते है।
- धार जिले में अवस्थित 16वीं सदी में निर्मित माण्डू के दुर्ग का निर्माण बाज बहादुर ने करवाया था जिसमें 12 दरवाजे है।
- दतिया के किले का निर्माण वीरसिंह देव ने करवाया था इस किले के द्वार पर भवानी सिंह ने ‘जस्टिज इज द जेम ऑफ क्राउन’ लिखा था।
- कादरगढ़ का किला दतिया सिंध् नदी के तट पर अवस्थित है।
- अटेर का किला व गोहद का किला भिण्ड जिले में है।
- राजवाड़ा के किले इंदौर का निर्माण होल्कर वंश के राजा ने करवाया था, यह होल्कर वंश की राजधनी भी था।
- गुजरीमहल/दानमहल ग्वालियर- मानसिंह द्वारा मृगनयनी के लिए बनवाया।
- मोतीमहल ;ग्वालियरद- जीवाजीराव सिंध्यिां का महल, 1 नवम्बर 1956 से पूर्व ‘मध्य भारत’ विधानसभा भवन रहा।
- जयविलास पैलेस ग्वालियर- इटालियन शैली पर निर्मित, सिंधिया का निवास स्थान तथा वर्तमान में संग्रहालय।
- बघेलिन महल मण्डला- मोतीमहल के पूर्व में 8 किमीदूर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है।
- मदन/मढन महल जबलपुर- गोड़राजा मदनशाह द्वारा
- खरबूजा महल धार किले में स्थित है।
- राजारोहित का महल- रायसेन के दुर्ग में ‘राजबसन्ती द्वारा’।
- बादल महल, इत्रद्वार महल- रायसेन।
- हवा महल ;चन्देरी- अशोकनगर-किला ‘कीर्तिपाल’ द्वारा।
- नौखण्डा महल- चंदेरी।
- राजा अमन का महल- ‘अजयगढ़, पन्ना’ अजयपाल द्वारा।
- जहाँगीर महल ओरछा ‘वीर सिंह’ द्वारा निर्मित।
- भर्तृहरि गुफाएं- उज्जैन के निकट भर्तृहरि गुफाएं संख्या में 9 है इनका निर्माण राजा भर्तृहरि के सम्मान में परमार शासकों ने करवाया था। इनकी विशेषता हैं रंगीन चित्र
- बाघ की गुफाएं- इन्दौर झाबुआ मार्ग से अंदर ‘बाघ’ स्थान पर धार जिले में विंध्यांचल पहाड़ी में बाघ की प्रसिद्ध बौद्ध गुफाएं है। इनका काल भी गुप्तकालीन अर्थात् 5 ईसवी शताब्दी है।
- पंचमढ़ी गुफाएं- यहां की पाण्डव गुफा जैसी पांच गुफाएं अत्यंत आकर्षक है।
- मारा गुफाएं- सिंगरोली जिले में स्थित। बौद्धकालीन गुफाए हैं।
- भीमबेटका- प्रोगैतिहासिक कालीन भीम बेटका शैलाश्रय है। जिनकी संख्या 500 के आसपास है। इन पर अनेक चित्र अंकित है, इनका संबंध् पाण्डवों के अज्ञात वास से जोड़ा जाता है, रायसेन जिले में अवस्थित। इसकी खोज वाकणकर ने की थी। यह विश्व का सबसे बड़ा गुफा समूह है। यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है।
- मृगेन्द्रनाथ गुफा-पाटनी गांव ;विदिशा व रायसेन में अवस्थित, दुर्लभ रॉक पेटिंग्स, यह जैन धर्म से संबंधित है।
- शंकराचार्य की गुफाए- ओकारेश्वर ;खण्डवाद् में अवस्थित, शंकराचार्य ने यहां शिव अराधना की थी।
- आदमगढ़ के शैलाश्रय- होशंगाबाद नगर के निकट आदमगढ़ की शैलकृत चित्रित गुफाए ।
- गोम्मट गिरी- इन्दौर में स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थ है। भगवान बाहुबली की 27 फीट उची खडगासन प्रतिमा अवस्थित है।
- मुक्तागिरी- बैतूल जिले में स्थित प्रसिद्ध दिगम्बर जैन तीर्थ है।
- सोनागिरी-दतिया जिले में सोनागिरी प्रसिद्ध दिगम्बर जैन तीर्थ है।
- पीताम्बरा पीठ दतिया में स्थित मां बगलामुखी पीताम्बरा पीठ हिन्दुओं का प्रसिद्ध तांत्रिक धर्मिक स्थल व शक्तिपीठ है।
- दादाजी दरबार- खण्डवा में स्थित दादाजी दरबार महान संत धुनीवाले ‘दादाजी’ का समाधि स्थित है।
- बावनगजा- बड़वानी जिले में बावनगजा पहाड़ी भगवान आदिनाथ की 72 फीट ऊँची प्रतिमा।
- नेमावर- नर्मदा तट देवास जिला पर स्थित नेमावर हिन्दुओं का तीर्थ स्थल है।
- रूणिजा- बढ़नगर स्थित रूणिजा ‘तेजाजी’ महाराज से संबंधित पवित्र स्थान है।
- ओंकारेश्वर- ‘ॐ’ आकृति वाले इस स्थान में 12 ज्योर्तिलिंग में से एक ज्योर्तिलिंग है। ‘नर्मदा-तवा’ के संगम पर ओंकार-मांधाता मंदिर में यह ज्योर्तिलिंग स्थापित है। यह मंदिर मध्यकालीन ब्राह्मणशैली में बना है। सिद्ध मंदिर, सनमात्रिक मंदिर, 2005 में पवित्र नगर घोषित।
- भोजपुर- भोपाल के निकट स्थित भोजपुर अपने विशाल ‘शिवलिंग’ के लिये प्रसिद्ध है। इसकी स्थापना राजा भोज ने की थी। यह विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग है।
- नोहटा- दमोह में अवस्थित। गुरहया-बरेमा नदी संगम पर बसा नोहटा कभी चन्देलों की राजधनी था। अब यह शिव मंदिर और जैन मंदिर के अवशेषों के लिये विख्यात है।
- मंदसौर- प्राचीन नाम दशपुर था। यहां भारत का प्राचीनतम पशुपतिनाथ मंदिर है। ऐसा ही एक पशुपतिनाथ मंदिर धुरेल पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है।
- बेसनगर-विदिशा में अवस्थित। हेलियोडोरसे स्तंभ में गरूड़ ध्वज।
- चित्रकूट- सतना में अवस्थित। ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने यहीं पर बाल अवतार लिए थे वनवास के समय मर्यादा पुरूषोत्तम राम यहीं पर महर्षि अत्रि व सती अनुसूईया के अतिथि बने। कामदगिरी अनुसुईया आश्रम, भारत कूट तथा हनुमान धरा यहीं स्थित है। 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया। गुप्त गोदावरी नदी है। यहां गधें का मेला लगता है।