मंदाकिनी दुग्धमेखला या आकाशगंगा सामान्य ज्ञान
मंदाकिनी दुग्धमेखला या आकाशगंगा क्या होती है ?
तारों
का ऐसा समूह, जो धुँधला सा दिखाई पड़ता है तथा जो तारा
निर्माण प्रक्रिया की शुरूआत का गैसपुंज है, मंदाकिनी
कहलाता है। ब्रम्हाण्ड करोड़ों मंदाकिनियों का बना है। हमारी पृथ्वी की अपनी एक
मंदाकिनी है, जिसे दुग्धमेखला या आकाशगंगा कहते हैं। अब तक
ज्ञात इस मंदाकिनी का 80 प्रतिशत भाग सर्पिला है। इस मंदाकिनी को सबसे पहले
गैलिलियों ने देखा था। आकाशगंगा की सबसे नजदीकी मंदाकिनी को देवयानी नाम दिया गया
है।
महाविस्फोट का सिद्धांत
जार्ज
लैमेन्टेयर बेल्जियम के रहने वाले थे। इन्होंने ही बिग बैंग सिद्धान्त अर्थात
महाविस्फोट का सिद्धांत दिया। जार्ज लैमेन्टेयर के अनुसार लगभग 15 अरब वर्ष पहले
सारे खगोलीय पिंड अर्थात तारे, ग्रह, गैलेक्सी, धूमकेतु
सभी एक सघन पिंड के रूप में थे तथा कालक्रम में इस सघन पिंड में एक महाविस्फोट हुआ
तथा यह सघन पिंड अनेक ब्रह्मांडीय पदार्थों के रूप में दूर दूर छिटक गए जिसे हम
गैलेक्सियों के रूप में देखते हैं। आज भी यह गैलेक्सिया एक दूसरे से दूर जा रहे
हैं अर्थात आज भी ब्रम्हांड का विस्तार हो रहा हैं, न कि
सकुचन।
गैलेक्सी
- महाविस्फोट के बाद ब्रह्मांड कई गैलेक्सियों में विभक्त हो गया।
- एक केंद्र के चारो तरफ चक्कर लगाते अरबो तारो के समूह को गैलेक्सी कहते हैं।
- अनुमानतः 100 अरब गैलेक्सियाँ हैं।
- 1 गैलेक्सी में लगभग 100 अरब तारे हैं।
- गैलेक्सी के केंद्र को बल्ज कहते हैं, बल्ज में तारों का घनत्व अपेक्षाकृत बहुत ज्यादा होता हैं क्योंकि तारे एक दूसरे से काफी नजदीक होते हैं। केंद्र से बाहर की ओर जाने पर तारो के बीच की दूरी बढ़ती चली जाती हैं तथा घनत्व भी कम हो जाता हैं।
आकाशगंगा या मन्दाकिनी
- ब्रम्हाण्ड के 100 अरब गैलेक्सियों में से एक गैलेक्सी आकाशगंगा हैं। हमारा सूर्य अर्थात सौरमंडल का मुखिया जिस गैलेक्सी में स्तिथ हैं, उसे आकाशगंगा कहते है। सूर्य अपने आठ ग्रहों के साथ आकाशगंगा के केंद्र का चक्कर लगा रहा हैं।
- सूर्य 25 वर्ष में आकाशगंगा के केंद्र का चक्कर लगा रहा है इसे हम ब्रम्हाण्ड कहते हैं।
- चन्द्रमा रहित आसमान में रात में सफेद रंग की धुंधली से चादर की एक चौड़ी पट्टी दिखाई देती हैं ( दक्षिण से उत्तर की और) जो आकाशगंगा की ही कोई एक भुजा हैं जिसे हम मिल्कीवे कहते हैं।
- आकाशगंगा के पास स्थित सबसे नजदीक गैलेक्सी का नाम एंड्रोमेडा हैं।
- ओरियन नेबुला- आकाशगंगा के सबसे चमकीले तारो का समूह
- साइरस या डॉग स्टार – सूर्य के बाद सबसे चमकीला तारा परन्तु यह रात में सूर्य की अनुपस्थिति में देखा जा सकता है।
- सूर्य के बाद सबसे चमकीला पिंड चन्द्रमा हैं तथा चन्द्रमा के बाद सबसे चमकीला पिंड शुक्र हैं।
- तारे टिमटिमाते हैं पर ग्रह नही टिमटिमाते हैं, इसका कारण यह है, तारा के पास अपना उष्मा एवं प्रकाश होता हैं परंतु ग्रह किसी तारे से उष्मा एवं प्रकाश ग्रहण करते हैं
- प्रॉक्सिमा सेंचुरी- सूर्य का सबसे नजदीक तारा
- ब्रह्मांडीय दूरी मापने का मापक प्रकाश वर्ष हैं।
- 1 प्रकाश वर्ष- एक वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी
- 1 प्रकाश वर्ष में 9.46× 10 sq 12km होता है ।
- 9.46× 10sq 15 M.
- सबसे पहले 1609 ई. में गैलिलियो ने दूरबीन की सहायता से रात में तारो का अध्ययन किया था। गैलिलियो ने दूरबीन की सहायता से ऐसे कई तारो की खोज की जिन्हें नंगी आंखों से नही देखा जा सकता था।