समंक, सूचना एवं ज्ञान में अंतर
समंक, सूचना एवं ज्ञान में अंतर
सभ्यता की शुरुआत से ही मानव को सूचना की आवश्यकता रही है। इसीलिए वह समय समय पर सूचना को एकत्रित करने व उन सूचनाओं के आधार पर सही व उचित निर्णय लेने के नए व विकसित तरीके खोजते रहा है सूचना की आवश्यकता व महत्त्व के कारण ही सबसे पहला आविष्कार कागज़ व कलम का हुआ। फिर जैसे जैसे मानव का विकास होता गया वैसे वैसे उसने नए शहर, राज्य व देश बनाये और उन देशों के बीच व्यापार व वाणिज्य के विभिन्न प्रकार के सम्बन्ध बने और आज केवल व्यापार व वाणिज्य ही नहीं बल्कि जीवन की लगभग हर सूचना का इन्टरनेट के माध्यम से इन देशों के बीच आदान प्रदान हो रहा है। सरल शब्दों में, कृषि क्रान्ति एवं औद्योगिक क्रान्ति के बाद आज हम सूचना क्रान्ति के युग जा रहे हैं और किसी भी अन्य क्रान्ति की तुलना में सूचना क्रान्ति का विकास बहुत ही ज्यादा तेज़ गति से हुआ है। सभ्यता की शुरुआत में सूचनाओं को मिटटी के बर्तनों पर चित्रात्मक रूप में व शब्दों के रूप में लिखा जाता था। फिर कागज़ व कलम के विकास के साथ ही विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को कागज़ के रूप में store करके रखा जाने लगा और आज हम इन्ही सूचनाओं को manage करते हैं। विभिन्न प्रकार के आंकड़ों (data) का संकलन (collection) करना और फिर उन Computer पर आंकड़ों को विभिन्न प्रकार से वर्गीकृत (classify) करके उनका विश्लेषण ( analysis ) करना तथा उचित समय पर उचित निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त करना, इस पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटर की भाषा में data processing करना कहा जाता है।
1 समंक (Data)
असिद्ध तथ्य (facts ) अंक (figures) व सांख्यिकी (static ) का वह समूह जिस पर प्रक्रिया (processing ) करने पर एक अर्थपूर्ण सूचना प्राप्त हो, समंक कहलाती है। आंकड़े मान या मानों का एक समूह होता है, जिसके आधार पर हम निर्णय लेते हैं। इसे एक उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है। संख्याएं दस ही होती है परन्तु यदि इसे व्यवस्थित क्रम में रखा जाए तो ये एक सूचना generate होती हैं। इसलिए ये संख्याएं data है।इसी तरह से अंगेजी भाषा में small व capital letters के कुल 52 characters ही होते हैं, परन्तु यदि इन्हें एक सुव्यवस्थित क्रम में रखा जाए, तो हज़ारों पुस्तकें बन जाती है। इसलिए ये characters भी data हैं। जैसे किसी विद्यालय के विभिन्न विद्यार्थियों की ये जानकारी रखनी हो तो किसी कक्षा में कौन कौन से विद्यार्थी हैं उनका serial no. क्या है और वे किस पते पर रहते हैं, तो ये सभी तथ्य असिद्ध रूप में data है।
समंक तथ्यों के समूह होते हैं इन्हें संख्या में व्यक्त किया जाता है । समंकों का संकलन गणना द्वारा अथवा यथोचित शुद्धता से किये गए अनुमान द्वारा होता है । समंक पर्याप्त मात्रा में अनेक कारणों से प्रभावित होते हैं समंकों का संकलन या तो आगणन द्वारा किया जा सकता है या तो अनुमान द्वारा । यदि किसी अनुसंधान का क्षेत्र सीमित है तो समंकों का संकलन गणना द्वरा किया जाता है । अनुसंधान का क्षेत्र व्यापक होने पर गणना विधि का प्रयोग करना कठिन हो जाता है। ऐसी दशा में अनुमान विधि का सहारा लिया जाता है। समंकों का संकलन पूर्ण निर्धारित उद्देश्य के लिए व्यवस्थितढंग से किया जाता है।
The Pyramid of Knowledge Hierarchy
2 सूचना ( information )
आंकड़ों पर processing होने के पश्चात जो अर्थपूर्ण परिणाम निकलता है उसे सूचना कहते हैं । सूच वह सन्देश है जिसमे अर्थ है, और निर्णय लेने के लिए एक आधार है । | सूचना वर्तमान एवं एतिहासिक स्रोतों से प्राप्त हो सकती है। किसी समस्या के समाधान के लिए या फिर किसी अवसर को प्राप्त करने के लिए सूचना एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
3 ज्ञान knowledge
ज्ञान को इस संसार के वस्तुनिष्ठ गुणों और संबंधों, प्राकृतिक और मानवीय तत्त्वों के बारे में विचारों की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है। ज्ञान में मनुष्य की विविध परक की शक्तियों को संचित करती है तथा विषयीकृत होती है। एक सुगठित सूचना ही ज्ञान का रूप ले सकती है। ऐसी सूचना जिसे मान मस्तिष्क समझते हुए किसी निर्णय को लेने में सक्षम होता है, उसके ज्ञान में वृद्धि करता है। ज्ञान सूचना नहीं है और सूचना समंक नहीं है। ज्ञान सूचना से प्राप्त होता है, जिस तरह से सूचना समंक से प्राप्त होती है।