परिवार की अवधारणा एवं प्रकार
परिवार क्या होता है प्रस्तावना
भारतीय समाज में परिवार के ढाँचे का विश्लेषण करते समय मैंने सर्वप्रथम 'विखण्डित' (Fissioned) परिवार की धारणा का परिचय प्रस्तुत किया है। यह धारणा 'एकाकी' परिवार या 'साधारण' (Simple) परिवार या 'पैतृक परिवार की धारणा के स्थान पर नहीं अपनाई गई है, बल्कि हमारे समाज में परिवार के मूल ढाँचे को समझने के लिए प्रस्तुत की गयी है। भारतीय परिवार का संरचनात्मक आदर्श पश्चिमी परिवार के ढाँचे से बिल्कुल भिन्न है। इसमें अधिक निरन्तरता तथा साहचर्य व मेलमिलाप रहता है। भले ही बेटे को शिक्षा, नौकरी आदि के कारण बाध्य होकर माता-पिता की पारिवारिक इकाई से अलग होना पड़े, लेकिन अपने माता-पिता के परिवार से उसका लगाव व बन्धन अटूट होता है। परिवार के सदस्यों के बीच बन्धान बड़े व्यापक और दृढ़ होते हैं। इसी कारण भारतीय सामाजिक संगठन को पश्चिम से उधार ली गई धारणाओं के प्रकाश में नहीं समझ सकते। इस नई धारणा के आधार पर भारतीय परिवार के परम्परागत तथा बदलते हुए स्वरूप का विश्लेषण करने से पहले यह आवश्यक है कि परिवार की सामान्य धारणा को समझा जाये।
परिवार की
अवधारणा (Concept of Family)
प्रजनन (reproductive) या जैविक (biological) इकाई के रूप में
एक परिवार वह समूह है जिसमें स्त्री व पुरुष को यौन सम्बन्धों की स्थापना पैदा
करने के लिए समाज की स्वीकृति प्राप्त होती है।
गेराल्ड लेसिले (Gerald Leslie, 1982:12) ने परिवार की परिभाषा
दो भिन्न लिंगों के वयस्क लोगों के समूह के रुप में बताई है जो कि सामाजिक मान्यता प्राप्त यौन सम्बन्धा स्थापित करते हुए रहते हैं और साथ में उनके अपने बच्चे या गोद लिए बच्चे भी होते है।
मर्डाक (Murdock, 1949) ने परिवार की परिभाषा करते हुए कहा है कि
परिवार एक ऐसा सामाजिक समूह है जिसका एक सामान्य निवास होता है, आर्थिक सहयोग होता है तथा जिसमें प्रजनन क्रिया पायी जाती है।
रास (Ross) की परिभाषा में
पारिवारिक जीवन के शारीरिक, सामाजिक व मनोवैज्ञानिक तत्व सम्मिलित हैं। रास ( 1961:31 ) के अनुसार परिवार नातेदारी की आधार पर एक दूसरे से जुड़े लोगों का समूह है जो एक घर में रहते हैं और जिनमें अधिकारों, कर्त्तव्यों, भावनाओं एवं आधिपत्य का एक निश्चित आदर्श प्रदान करने से की एकता का भाव बना रहता है।
इस तरह
वह पारिवारिक संरचना के चार उप स्वरूपों में अन्तर बताती हैं: (i) पारिस्थितिकी (ecological)
उप-संरचना, अर्थात् परिवार के सदस्यों की स्थानिक व घर
सम्बन्धी व्यवस्था, अथवा रिश्तेदारों
की एक दूसरे के साथ भौगोलिक दृष्टि से निकटता । साधारण शब्दों में इसका अर्थ है कि
घर का आकार व परिवार का प्रकार क्या है, (ii) अधिकार और
कर्तव्यों की उस संरचना, अर्थात् घर के
भीतर श्रम विभाजन की स्थिति, (iii) शक्ति व सत्ता की
उप संरचना, अर्थात् दूसरों के कार्यों पर नियंत्रण, (iv) भावनाओं (sentiments) की उप संरचना, अर्थात् विविधा प्रकार के सदस्यों के बीच
सम्बन्ध । उदाहरणार्थ, माता-पिता व
सन्तान के बीच, पति-पत्नी के बीच, तथा भाई-भाई व भाई-बहन आदि के बीच सम्बन्ध |
परिवार के प्रकार ( Forms of Family )
चट्टोपाध्याय ने
तीन प्रकार के परिवार बताए हैं: साधारण (Simple), मिश्रित, ( Compound), तथा संक्षिप्त 'साध आरण' परिवार में पति
तथा उनके अविवाहित बच्चे सम्मिलित होते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि बच्चे के जन्म
के बाद एक जीवन-साथी की मृत्यु हो जाती है तब दूसरा पुनर्विवाह कर लेता है। ऐसी
स्थिति में बच्चों के दो प्रकार के समुच्चयों (sets)
की इकाई को 'साधारण परिवार नहीं कहा जा सकता। रेखाचित्र नं । इस प्रकार
की दो इकाईयों को प्रदर्शित करता है।
दोनों ही इकाईयों
में दो 'साधारण' परिवार हैं।
चट्टोपाध्याय ने दोनों ही परिवारो को मिश्रित परिवार की श्रेणी में रखा है। यह 'साधारण' परिवार में इस
अर्थ में भिन्न है कि इसमें बच्चों के दो समुच्चय (सेट) हैं ) एक मृत साथी से और
दूसरा जीवित साथी से जिससे पुनर्विवाह हुआ है। किन्तु बच्चों के दो समुच्चयों में
एक माँ या बाप समान (common) है। कभी-कभी एक
साथी अपने साथी के जीवित रहते भी पुनर्विवाह कर लेता है, अर्थात् या तो एक पुरुष के दो पत्नियाँ हैं या
एक स्त्री के दो पति ऐसे प्रत्येक मामले में भी दो 'साधारण' परिवार सम्मिलित हैं। चट्टोपाध्याय ने ऐसे
परिवारों को भी मिश्रित परिवार की संज्ञा दी है। वे ऐसे परिवार को 'मिश्रित बहु पत्नी परिवार'
(compound polygynous family) कहते हैं जिसमें एक पुरुष की दो पत्नियाँ और दो
प्रकार की सन्तान हो ( जबकि वे एक ऐसे परिवार को जिसमें एक स्त्री अपने दो पतियों
के साथ दो प्रकार के बच्चों के साथ द्धदोनों पतियों सेऋ रहती हो 'मिश्रित बहुपति परिवार' (compound
polyandrous family) कहते हैं।
बहु विवाह से
जुड़ने वाले एकाकी परिवार 'बहु विवाही' (polygamous) परिवार कहलाते हैं तथा
माता-पिता व बच्चे के सम्बन्धों से जुड़े हुए परिवार 'संयुक्त' परिवार या 'विस्तारित' (extended) परिवार कहलाते
हैं। यह विस्तार क्षैतिज (horizontal) या उदग्र (vertical) दोनों ही हो सकता है। संयुक्त परिवार में
समरेखीय (linearly) रुप से जुड़े एकाकी परिवार
एक साथ रहते हैं और सामान्य आधिपत्य ( common authority)
में कार्य करते
हैं। इस प्रकार 'संयुक्त परिवार' एक ही घर में रहने वाले दो या दो से अधिक
समरेखीय रूप से जुड़े पुरुषों, उनकी पत्नियों और
सन्तानों से मिलकर बना होता है जो एक ही व्यक्ति के अधिपत्य में होते हैं।
संयुक्त परिवार
कई प्रकार का हो सकता है: (i) एक व्यक्ति, उसकी पत्नी, उनके अविवाहित
बेटे व बेटियां तथा उनके विवाहित बेटे अपनी अविवाहित संतान के साथ, (ii) एक व्यक्ति, उसकी पत्नी, उसके अविवाहित बच्चे तथा उस द्धव्यक्तिॠ के
माता - पिता (iii) एक व्यक्ति, उसकी पत्नी, उस (व्यक्ति) के माता-पिता, उसके अविवाहित बच्चे तथा विवाहित पुत्र व उन
(पुत्रों) के बच्चे, (iv) कई भाई अपनी
पत्नी एवं बच्चों सहित (v) कई भाई अपनी
पत्नी, बच्चों व माता-पिता सहित।
इस आधार पर यह
कहा जा सकता है कि संयुक्त परिवार या तो समरेखीय हो सकता है (जहां विस्तार उदग्र
हो ) या भिन्नशाखाई हो सकता है द्धजहां विस्तार क्षैतिज हो ) ।
सत्ता आधिापत्य (Authority) के आधार पर परिवारों का वर्गीकरण इस प्रकार
किया जा सकता है: पति सत्तामूलक (husband-dominant)
पत्नी सत्तामूलक
(wife-dominant) तथा समतावादी ( equalitarian ) । ऐसा समतावादी परिवार
जिसमें पति पत्नी मिलकर अधिकांश निर्णय लेते हों, उसे 'समन्वयवादी परिवार' (Syncretic
family) कहते हैं, और ऐसा परिवार
जिसमें दोनों जीवन साथियों को अलग-अलग बराबर के निर्णय सौंप दिये जाते हैं, उसे 'स्वायत्तावादी
परिवार' (autonomic family) कहते हैं।
बर्जेस और लॉक (Burgess and Locke, 1963: 26 ) ने
व्यिक्तियों के व्यवहार के आधार पर परिवारों का वर्गीकरण ‘संस्थागत' (institutional) तथा 'सहचारिता' (companionship) के रुप में किया
है। 'संस्थापक' परिवार में
सदस्यों के व्यवहार पर रुढ़ियों / लोकाचार (mores) व जनमत द्वारा
नियंत्रण किया जाता है जबकि 'सहचारिता' परिवार सदस्यों का व्यवहार आपसी स्नेह और
मतैक्य (consensus) से बनता है।
नातेदारी के
बन्धनों के आधार पर परिवरों को 'वैवाहिक' (conjugal) तथा 'रक्तमूलक' (consanguine ) में वर्गीकृत किया गया
है। प्रथम प्रकार के परिवार में वैवाहिक बन्धानों को महत्व दिया जाता है और दूसरे
में रक्त सम्बन्ध को। अमेरिका की परिवार प्रणाली में स्वतंत्र एकाकी परिवार 'वैवाहिक' परिवार का उदाहरण
है। इसके विपरीत, भारतीय परिवार
प्रणाली में वैवाहिक संबंधों के स्थान पर सन्तान (filial),
भ्रातृक (fraternal) और भाई-बहन (sibling)
के सम्बन्धों पर
बल दिया जाता है। 'वैवाहिक' परिवार व्यवस्था में व्यक्ति का माता पिता के
स्थान पर पत्नी की तरु झुकाव रहता है, जबकि रक्तमूलक
परिवार व्यवस्था में पत्नी को 'बाहरी व्यक्ति' (outsider) माना जाता है जिसकी इच्छाएं और आवश्यकताएं
विस्तारित / संयुक्त परिवार की निरन्तरता बनाए रखने व कल्याण में ही विलुप्त हो
जाती है। 'वैवाहिक' परिवार अस्थाई
होते हैं और माता पिता की मृत्यु के साथ बिखर जाते है । रक्तमूलक परिवार काफी
लम्बे समय तक चलते हैं क्योंकि परिवार का अस्तित्व एक दम्पत्ति पर निर्भर नहीं
रहता है। यदि कभी माता या पिता की असामयिक मृत्यु हो जाती है तब अन्य रक्त
सम्बन्धी माता-पिता की भूमिका निभाते हैं। दादा व दादी की मृत्यु के बाद परिवार का
नियंत्रण अगली पीढ़ी के पास चला जाता है।
जिमरमेन (Zimmerman) (1947: 120) ने परिवार का वर्गीकरण न्यासधारी ( trustee), गृहस्थ ( domestic ), तथा आणविक (atomistic) में किया है। परन्तु उन्होंने इन परिवार के प्रकारों को आनुभाविक (empirical) न मानकर आदर्श (ideal) प्रकार माना है। 'न्यासधारी' परिवार में व्यक्ति के अधिकारों को कोई स्थान नहीं होता क्योंकि परिवार का प्रत्येक सदस्य ट्रस्टी की इच्छाओं को मानने के लिए बाध्य होता है। परिवार के मुखिया का अधिकार निरंकुश (absolute) नहीं होता, बल्कि उसे ट्रस्टी के रुप में परिवार के उत्तरदायित्यों के निर्वाह के लिए भूमिका अदा करने हेतु प्राप्त होता है। 'गृहस्थ' परिवार न्यासधारी व आणविक परिवारों के बीच का परिवार है जिसमें इन दोनों परिवारों की विशेषताएं समाहित होती हैं। यह परिवार औपचारिकता (formalism) और व्यक्ति (individualism) के बीच सन्तुलन बनाए रखता है। 'आणविक' परिवार में रूढ़िगत लोकाचारों का महत्व समाप्त हो जाता है और प्रत्येक सदस्य की स्वेच्छा महत्वपूर्ण होती है। इस में परिवार का अपने सदस्यों पर कम से कम नियन्त्रण होता है। जिमरमेन की मान्यता है कि अमरीकन परिवार न्यासधारी से आणविक परिवार में बदला है। क्या भारतीय परिवार भी बर्जेस और जिमरमेन द्वारा दिये गये उपरोक्त प्रतिमानों पर चल रहा है?