लौह -युग क्या है ,लौह युग के बारे में जानकारी
( Iron Age Details in Hindi)
लौह युग का परिचय (Introduction of Iron Age )
- काँसे के युग के मनुष्य ने एक और छलांग लगाईं और उसने लोहे की धातु का पता लगाया। काले सागर के किनारे एशिया माइनर के उत्तरी भाग में शायद सबसे पहले लोहे की खानों का पता लगाया गया। यह ई. पू. से लगभग 2000 वर्ष पहले की बात है। लगभग 1300 वर्ष ई. पू. मिस्र में लोहे के प्रयोग के प्रमाण मिलते हैं। इंग्लैंड के लोगों को ई. स. से 1000 वर्ष पहले लोहे का पता लगा और आयरलैंड के लोगों को तो पहली शताब्दी के अन्त में इस धातु का ज्ञान हुआ।
लौह युग के बारे में जानकारी ( Iron Age)
- लोहे की धातु काँसे की धातु की अपेक्षा अधिक मजबूत और उपयोगी थी। इससे अच्छे हथियार - औजार और चीजें बनती थीं। लोहे के बने अस्त्र-शस्त्र अधिक मजबूत होते थे, उनकी धार अपेक्षाकृत अधिक तेज होती थी और वे जल्दी टूटते भी नहीं थे। असीरिया की सेना विश्व की पहली सेना थी जिसके पास लोहे के बने अस्त्र-शस्त्र उपलब्ध थे। उस सेना ने लोहे के शस्त्रों के बल पर अपना आतंक जमा रखा था। मानव सभ्यता के विकास में धातुओं का बड़ा महत्त्वपूर्ण हाथ रहा। इन धातुओं के ज्ञान ने सभ्यता की गाड़ी को गति प्रदान की तथा मानव को अपनी बुद्धि का सर्वोत्तम प्रयोग करने की सुविधा प्रदान की।
लौह युग की आर्थिक व्यवस्था -
- नये आविष्कारों के इस युग में मनुष्य का आर्थिक जीवन सुदृढ़ हो गया। कृषि की जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद मनुष्य बड़े पैमाने पर वस्तुएं पैदा करने लगा। सम्पत्ति और परिवार के प्रति अब ममता उत्पन्न हो चुकी थी । अतः व्यक्ति अपनी सन्तान के लिए उपभोग तथा उत्पादन की सामग्री जमा करने लगा। इस प्रकार मनुष्य में व्यक्तिगत सम्पत्ति की भावना आयी।
लौह युग की राजनीतिक व्यवस्था -
- धन-जन और उपार्जन की सुरक्षा ने परिवार, कबीले और गोत्र में सामाजिक सुरक्षा और व्यवस्था को जन्म दिया। इस कारण समाज में मुखिया भी होने लगे। परिवार, समाज, ग्राम और नगर की सुरक्षा ने राज्य और राजा जैसी संस्थाओं को जन्म दिया।