काँस्य- युग की सभ्यताएँ (Bronze Age Civilizations)
काँस्य- युग की सभ्यताएँ कि प्रस्तावना (Introduction)
- मानव को धातुओं का ज्ञान कैसे हुआ और किस प्रकार मानव ने धातु को अनेक प्रकार के कामों में इस्तेमाल किया, ने यह बता पाना एक कठिन काम है। कुछ विद्वानों की राय है कि मनुष्य को सबसे पहले सोने की धातु का पता लगा। सोना एक सुन्दर धातु है और मूल्यवान भी है लेकिन यह धातु बहुत नरम है, अतः इससे हथियार - औजार नहीं बन सकते थे। अतः तत्कालीन मनुष्य के लिए यह धातु अधिक उपयोगी नहीं थी।
ताँबा युग (Copper Age)
- सोने के बाद मनुष्य को ताँबे की धातु का पता लगा। यह धातु मनुष्य के लिए बड़ी उपयोगी थी। कहा जाता है कि साइप्रस द्वीप और सिनाई रेगिस्तान नामक स्थान के लोगों ने सबसे पहले इस धातु का प्रयोग करना सीखा। यह लगभग ई. पूर्व से 7000 वर्ष पहले की बात है। उसके बाद मिस्र के लोगों तथा बेबीलोनिया व मेसोपोटामिया के लोगों ने भी ताँबे का प्रयोग सीखा। मिस्र में नील नदी की घाटी में ताँबे की धातु मिलती थी। ताँबे को पिघलाने तथा फिर उसे बड़े-बड़े हथौड़ों से पीटकर आवश्यक वस्तुएँ बनाने का काम मिस्र और बेबीलोनिया में खूब होता था। ताँबे की धातु से बनी वस्तुएँ पत्थर की बनी वस्तुओं से अधिक मजबूत तथा सुडौल होती थीं। लेकिन ताँबे के साथ-साथ पत्थर का प्रयोग भी चालू रहा। ताँबे की धातु से बर्तन तथा औजार बनाये जाते थे।
काँस्य युग (Bronze Age)
- अनुभव के आधार पर मनुष्य को पता लगा कि ताँबा भी एक नरम धातु है। इसी बीच उन्हें टिन धातु का पता लग गया था और उन्होंने देखा कि यदि ताँबे और टिन को मिला दिया जाये, तो जो धातु बनती है, वह अधिक कड़ी होती है और उससे बने सामान और औजार अधिक टिकाऊ व मजबूत होते हैं। ताँबे और टिन को मिलाकर बनाई गई धातु का नाम काँसा था । काँसा बनाने की यह कला कब, किसने और कैसे प्रचलित की, यह बताना कठिन है किन्तु यह बात सत्य है कि लगभग 3000 वर्ष ई. पू. यह धातु मिस्र, क्रीट और साइप्रस में प्रयोग में लाई जाती थी। काँस्य - युग के आगमन से मानव की सभ्यता को एक नई दिशा मिली । मानव की गतिविधियाँ बहुत बढ़ गईं और उनके कार्यों के लिए काँसे का प्रयोग होने लगा।
- काँसे और टिन की खुदाई और गलाने के लिए यह आवश्यक था कि बहुत से लोग एक ही स्थान पर और एक साथ मिलकर कार्य करें। जंगलों में पेड़ों को काटने तथा खानों की खुदाई के लिए काँसे के बने औजारों का प्रयोग बहुत लाभदायक सिद्ध हुआ। लकड़ी को काँसे के औजारों से काटना सरल हो गया। अनेक प्रकार की पहिएदार गाड़ियाँ बनने लगीं। काँसे से भाले, तलवार और कटारें भी बनने लगीं। खेतों को जोतने तथा फसल को काटने के लिए काँसे के औजार अधिक उपयुक्त सिद्ध हुये।
- इस प्रकार काँस्य-युग में मानव की सभ्यता, उसके कारोबार, उसकी सुविधाओं तथा उसकी शक्ति में वृद्धि हुई।